लोन सेटलमेंट कैसे करें : अक्सर कई बार लोग एक बड़ा लोन ले लेते हैं लेकिन किसी समस्या के चलते उसे चुकाने में असमर्थ हो जाते हैं। ऐसे ग्राहकों के लिए बैंक या लोन देने वाली कंपनी एक साथ लोन सेटेलमेंट का ऑफर देती है। लेकिन इसके लिए ग्राहक को एक लिखित कारण देना होता है। इस सुविधा के जरिए आप बड़े ही आसानी से किसी भी लोन को सेटल कर सकते हैं। यदि आपको इसके बारे में उचित जानकारी नहीं है तो यहां पर हम आपको बताएंगे कि लोन सेटेलमेंट कैसे करें?
कई बार लोन लेने वाले ग्राहक को कुछ ऐसी स्थितियों जैसे दुर्घटना, नौकरी में समस्या या गंभीर बीमारी, इत्यादि का सामना करना पड़ता है जिसके चलते वह समय पर ईएमआई का भुगतान नहीं कर पता है या फिर वह पूरा लोन जमा करने में सक्षम नहीं हो पता है। ऐसी स्थिति में लगातार सिविल स्कोर भी गिरते रहता है जिसके चलते उसकी भविष्य में लोन लेने में दिक्कत होने लगती है। लेकिन इस स्थिति में बैंक आपको ईएमआई में कुछ छूट या फिर वन टाइम सेटलमेंट का ऑफर दे सकता है।
यदि आपको किसी कारणवश लोन सेटलमेंट करने में समस्या उत्पन्न हो रही है या आप ऐसा नहीं कर पा रहे हैं तो यह आर्टिकल आपके बहुत ही काम आने वाला है। क्योंकि इस आर्टिकल में हम आपको वन टाइम लोन सेटेलमेंट करने के तरीके बताएंगे जो आपके लिए बहुत ही काम आ सकता है। इस आर्टिकल को पढ़कर आप अपने लोन अमाउंट का 50% जमा करके उसका सेटलमेंट कर सकते हैं। तो चलिए जानते हैं लोन सेटलमेंट कैसे करें –
लोन सेटलमेंट कैसे करें ?
यदि आपने कोई लोन लिया है और उसका सेटलमेंट करना चाहते हैं तो इसके लिए नीचे बताए गए प्रक्रिया को फॉलो करें।
1. यदि आपने किसी बैंक या लोन देने वाली कंपनी से लोन लिया है तो इसके लिए आपको एक स्पष्टीकरण तैयार करना होगा और एक स्पष्ट कारण देना होगा कि क्यों वह कंपनी आपका लोन को सेटल करें।
2. यदि आपके महीने का खर्च और आपकी आई एक समान है तो इसके लिए आप बैंक या लोन देने वाली कंपनी से बात करें और उनसे बताएं कि आप हर महीने EMI नहीं दे सकते हैं और इसके लिए आप वन टाइम सेटलमेंट चाहते हैं।
3. वन टाइम लोन सेटेलमेंट करने के लिए आप अपने द्वारा बचत किए गए पैसों का उपयोग करें और एक ही बार इस झंझट से छुटकारा प्राप्त करें।
4. बैंक या लोन देने वाली कंपनी से जाकर बात करें और उन्हें बताएं कि आप पूरा लोन भरने में सक्षम नहीं है लेकिन फिर भी आप वन टाइम सेटलमेंट करना चाहते हैं और उनको इसके लिए अपना ऑफर पेश करें।
5. लोन सेटेलमेंट करने के लिए बैंक या लोन देने वाली कंपनी आपको 80% तक की रकम जमा करके लोन सेटेलमेंट करने के लिए कह सकती है तो इसे तुरंत मना कर दें और उसे कम अमाउंट पर लोन सेटल करने के लिए अपना खुद का ऑफर पेश करें। यदि वह 50% तक की रकम जमा करके लोन सेटल करने में मान जाता है तो यह आपके लिए काफी अच्छा है।
6. यदि आप वन टाइम सेटलमेंट करने जा रहे हैं तो हमेशा अपना ऑफर बची हुई रकम के 30% से शुरू करें ताकि इससे कम से कम पर लोन सेटल हो सके और बैंक या लोन देने वाली कंपनी आपकी बात मान जाए।
7. यदि बैंक या लोन देने वाली कंपनी आपकी बात मान लेती है तो उसे एक लिखित समझौता करें ताकि बाद में आपके द्वारा लोन की राशि जमा करने के बाद किसी भी प्रकार की समस्या ना आए और वह लोन क्लोज हो जाए। लिखित समझौता का फायदा यह है कि बैंक या लोन देने वाली कंपनी क्रेडिट एजेंसियों को इसकी रिपोर्ट सौंप देगी और इससे लोन क्लोज हो जाएगा।
मैं बैंक से वन टाइम लोन सेटलमेंट के लिए कैसे बातचीत करूं?
यदि आप वन टाइम लोन सेटेलमेंट का विकल्प चुने जा रहे हैं तो इसके लिए यह सुनिश्चित कर लें कि आप किसी गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं या लोन पेमेंट करने में असमर्थ हैं। यदि ऐसी स्थिति आती है तो नीचे हम आपको बताने जा रहे हैं कि आप बैंक से वन टाइम लोन सेटेलमेंट के लिए कैसे बातचीत कर सकते हैं।
1. पात्रता की जाँच करें:
अपने लोन या क्रेडिट कार्ड के बकाया के बारे में परामर्शदाताओं से जानकारी साझा करें और अपने पात्रता की जांच करें। जानकारी साझा करने के बाद आपको वन टाइम लोन सेटेलमेंट करने को लेकर अच्छा विचार भी मिल जाएगा।
2. लोन सेटलमेंट के लिए नामांकन करें:
पात्रता की जांच करने के बाद लोन सेटेलमेंट के लिए नामांकन करें और बैंक या लोन देने वाली कंपनी से बात चीत करके उनके साथ एक कानूनी समझौता करें। क्योंकि कानूनी समझौता होने के बाद जब आप तय की हुई रकम भर देते हैं तो फिर इससे आपको भविष्य में कभी भी कोई दिक्कत नहीं आती है।
3. लोन सेटलमेंट के लिए पैसों की बचत करें:
यदि आप लोन सेटेलमेंट करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको पैसों की बचत करना होगा ताकि जब बैंक या लोन देने वाली कंपनी से वन टाइम लोन सेटेलमेंट की बात पूरी हो जाए तो आप एक साथ उस रकम को भर सकें।
4. बैंक के साथ बातचीत:
जब आप अपने बैंक अकाउंट में बचत किए हुए पैसे रख लेते हैं तो इसके बाद बैंक या लोन देने वाली कंपनी से बातचीत शुरू करें और उन्हें बताएं कि आपके पास कितने पैसे हैं और आप उतने ही पैसों में लोन सेटेलमेंट करने की इच्छा रखते हैं।
5. फाइनल लोन सेटलमेंट:
कोई भी बैंक या लोन देने वाली कंपनी आपको एक अच्छा लोन सेटेलमेंट ऑफर पेश करेगा और जब आप उसे स्वीकार कर लेंगे तो फिर वह सेटलमेंट भी पूरा हो जाएगा। जब आपको बैंक या लोन देने वाली कंपनी की ओर से लोन सेटेलमेंट लेटर मिल जाता है तो फिर आप उसे कर्ज से मुक्त हो जाते हैं।
लोन सेटलमेंट आपके CIBIL स्कोर को कैसे प्रभावित करता है?
यदि आप कोई भी लोन सेटेलमेंट करते हैं और ली गई लोन की राशि से कम रकम जमा करते हैं तो इससे आपका CIBIL स्कोर 75 से लेकर 100 अंकों तक गिर सकता है और यह डाटा 7 साल तक CIBIL रिपोर्ट में रहता है। इसका मतलब यह है कि आगे 7 सालों तक आपको किसी भी प्रकार के लोन में समस्या उत्पन्न हो सकती है। हालांकि, ऐसा नहीं है कि आपको भविष्य में कोई लोन नहीं मिलेगा लेकिन यह किसी बैंक या लोन देने वाली कंपनी के ऊपर निर्भर करेगा कि आपको लोन देना चाहिए या नहीं।
हालांकि, आपके CIBIL रिपोर्ट पर यह लोन क्लोज जरूर दिखाई जाएगी लेकिन वहां पर इसके बारे में भी जानकारी होगी कि आपने कितना लोन लिया था और कितने में लोन सेटेलमेंट किया है। इसको ध्यान में रखते हुए कई सारे बैंक और लोन देने वाली कंपनियां ग्राहक को आगे एक लोन देने में हिचकते हैं।
इसीलिए, यदि आपने कोई लोन लिया है और उसका वन टाइम सेटलमेंट करना चाहते हैं तो इसके लिए आप उससे होने वाले नुकसान के बारे में भी भली भांति अवगत हो लें ताकि आपको भविष्य में कभी भी लोन लेने में समस्या ना आ सके। लेकिन यह बात पूरी तरह से स्पष्ट है कि यदि आप कोई भी लोन सेटेलमेंट करते हैं तो इससे भविष्य में आपको लोन लेने में समस्या उत्पन्न हो सकती है।
लोन क्लोजर और लोन सेटलमेंट में अंतर:
लोन सेटलमेंट: यदि आप किसी कारणवश लोन नहीं भर पा रहे हैं तो फिर बैंक आपको वन टाइम लोन सेटेलमेंट का ऑफर दे सकता है, जिसके बाद आप एक मुश्त रकम जमा करके कर्ज मुक्त हो सकते हैं। हालांकि, ऐसा तभी होता है जब आपने लंबे समय तक लोन की राशि जमा नहीं की है। इस प्रक्रिया के बाद आपके सिबिल स्कोर पर गहरा प्रभाव पड़ता है।
लोन क्लोजर: यदि आप अपने लोन की EMI भर रहे हैं और कुछ पेमेंट करने के बाद आपने उसे भरना बंद कर दिया है तो फिर आप एक साथ बचे हुए पैसों को भरकर लोन क्लोज कर सकते हैं। एक साथ बची लोन की रकम पूरी भरने की प्रक्रिया को लोन क्लोजर कहा जाता है। इसमें आपके CIBIL स्कोर पर बहुत अधिक प्रभाव नहीं पड़ता है।
FAQ
लोन न चुकाने पर कौन सी धारा लगती है?
लोन न चुकाने पर भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा 2014 के गाइडलाइन के अनुसार कर्ज धारक पर धारा 403 और धारा 415 लगती है।
लोन का सेटलमेंट कब होता है?
जब लोन धारक लोन देने में असमर्थ हो जाता है तब वह बैंक या फाइनेंस कंपनी से बात करके लोन सेटेलमेंट कर सकता है।
लोन माफ कैसे होता है?
अगर लोन लेने वाला व्यक्ति किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हो जाता है या फिर बिल्कुल बेरोजगार हो जाता है और लोन चुकाने में असमर्थ होता है तो वह बैंक से एप्लीकेशन देकर लोन माफ करने की गुजारिश कर सकता है।
अगर किसी की मृत्यु हो जाए तो उनके लोन का क्या होता है किस देने होते हैं बाकी पैसे
अगर लोन धारा की मृत्यु हो जाती है उसके बाकी लोन के पैसे लोन लेते समय किए गए इंश्योरेंस कंपनी द्वारा भरपाई की जाती है।